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June 27, 2022
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“येरे येरे पावसा, तुला देतो पैसा
पैसा झाला खोटा, पाऊस आला मोठा”
चिलचिलाती गर्मी के बाद हम सभी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। हममें से ज्यादातर लोगों को बारिश का मौसम पसंद होता है। किसी को बारिश में भीगना अच्छा लगता है, किसी को पहली बारिश की मिट्टी की महक और हम में से ज्यादातर लोग बारिश के शीतल प्रभाव को पसंद करते हैं। मुझे अपने बचपन की मानसून की कुछ अच्छी यादें याद हैं जैसे दोस्तों के साथ घंटों भीगना और पानी में कागज की नाव से खेलना। लेकिन अब बच्चों के डॉक्टर होने के नाते बच्चों और बारिश के लिए मेरा अनुभव काफी बदल रहा है। अब मैं आमतौर पर देखतt हूं कि बारिश और मौसम का बदलाव हमारे बच्चों को आसानी से बीमार कर रहा है। बरसात का मौसम बीमारियां फैलने के लिए सबसे अनुकूल मौसम होता है, क्योंकि इस मौसम में नमी और पानी के कारण संक्रमण फैलने कि सबसे ज्यादा संभावना होती है।
बरसात के मौसम में बार-बार जुकाम, बुखार, मलेरिया, एलर्जी, त्वचा पर रैशेस, दस्त, डेंगू आदि आम हैं। दूषित पानी और खाद्य जनित रोग जैसे टाइफाइड, हैजा, पीलिया, पेचिश और दस्त भी मानसून में बहुत आम हैं। केवल घर का बना ताजा भोजन और उबला हुआ या फ़िल्टर्ड पानी का उपयोग करके हम दस्त, पीलिया, हैजा और टाइफाइड जैसी बीमारी से बच सकते हैं। बच्चों ने अपने बुआ और मामा के साथ गर्मियों की छुट्टियों में बहुत आनंद लिया है इसलिए अब बाहर के खाने को ज़रा विराम दें।
हमें अपने घर और अपने आस-पास की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखना होगा।हमारी लापरवाही हमारे बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है। गर्मी की छुट्टियाँ जल्द ही समाप्त होने वाली हैं, इसलिए अपने बच्चों के साथ एक सामूहिक कार्य करें “स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत”।
मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के उन सभी बुरे मच्छरों से बचने के लिए हमारे बच्चों की मदद लें और अपने परिसर और आपके घर के पास के क्षेत्र की सफाई करें।
किसी भी दूषित पानी को लंबे समय तक जमा न होने दें और कचरे का निपटान करते रहें। ऐसी छोटी-छोटी आदतों को अपनाकर हम कई बीमारियों से बच सकते हैं।
उदाहरण के लिए यदि बच्चे बारिश में भीग जाते हैं, तो कुछ को तेज बुखार होता है, कुछ को जोड़ों में दर्द होता है, 1 या 2 को खांसी और जुकाम हो सकता है और कुछ मजबूत प्रतिरक्षा शक्ति वाले लोग पूरी तरह से स्वस्थ रहते हैं। जरूरत पडणेपर बालरोग तज्ज्ञ डॉक्टर की सलाह ले।
प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती हैं।
DR NITIN SETH
PEDIATRICIAN
AMRAVATI.
07212577265
7887340265
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